Omicron Variant क्या है, कितना खतरनाक है ये variant, भारत मे क्या असर है इस variant का

Written by- Sonali Kesarwani.

नवंबर 2019 मे कोरोना वायरस भारत मे आया और देखते ही देखते इसका संक्रमण इतना तेजी से फैला कि इसे महामारी घोषित करना पड़ा और यह महामारी विश्व के लगभग सभी देशो मे बहुत बुरी तरह से अपना प्रभाव दिखाया इस महामारी के चलते ना जाने कितने लोगों ने अपनी जान गवां दी । यह वायरस इतनी तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे पहुँचता था कि जब तक वायरस के होने की पुष्टि होती थी तब तक वायरस न जाने कितने लोगो को संक्रमित कर चुका होता था। बढ़ते हुए संक्रमण को रोकने के लिये भारत तथा अन्य देशो ने अपने-अपने देश मे सम्पूर्ण lockdown को लगा दिया । क्योकिं उस समय इस संक्रमण को रोकने का बस एक ही तरीका था की जो व्यक्ति जहाँ पर हो वही रहे जिससे संक्रमण भी न फैले। भारत समेत अन्य सभी देशो के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने मे लग गये और 2 साल बाद उन्होने इसके वैक्सीन को बना लिया और लगभग  सभी देशो यह कोशिश रही थी कि जल्द से जल्द वो अपने देश के सभी लोगो को वैक्सीन की सारी डोज दे दे ताकि इस संक्रमण से हम लड़ सके लेकिन कोरोना वायरस लगातार अपने रूप मे बदलाव कर रहा है।अल्फा , बीटा और गामा वायरस के बाद omicron variant का पता अभी हाल ही मे चला है। भारत मे अब तक 2 मरीज तथा पूरी दुनिया मे 375 मरीजो मे omicron की पुष्टि हुई है।

 

Omicron Variant क्या है 

                                          स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश मे omicron के दस्तक की जानकारी दी है, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस करके ये जानकारी दी कि कर्नाटक मे कोरोना वरिएंट के 2 मामले सामने आये है। उन्होने बताया की omicron मे अभी तक ऐसा कोई गंभीर लक्षण नही दिखा है। उन्होने कहा कि जो यात्री ऐसे देश से आ रहे है जहाँ पर वायरस के ज्यादा मामले मिले है ऐसे यात्रियों को RT- PCR  टेस्ट से गुजरना होगा। अगर वह covid टेस्ट मे positive मिले तो उनका इलाज clinical management protocol के तहत किया जायेगा और अगर टेस्ट negative होता है तो उन्हे 7 दिनो के लिये home quarantine  मे रखा जायेगा।


Omicron variant का क्या असर दिखेगा आगामी चुनाव मे

             मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि चुनाव आयोग को उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यो के विधानसभा चुनाव अगले साल समय पर करा पाने का भरोसा है। आयोग को कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य चार राज्यो के विधानसभा चुनाव से काफी अनुभव मिला है। 

उम्मीद यही है कि जैसा पिछ्ले चुनाव के समय मे सरकार चुनाव के आगे लोगो की जान की परवाह किये बिना लगातार भीड़ जमा करके चुनावी प्रचार प्रसार करने मे लगी रही और उसका परिणाम corona की 2nd wave सब ने देखा कि कितना भयानक था। तो इस बार सरकार पिछ्ले चुनाव को मद्दे नज़र रखते हुए ऐसा काम नही करेगी कि जिसका परिणाम भारत कि आम जनता को भुगतना पड़े।

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