भारत मे लगातार बढ़ती महँगाई

written by; sonali kesarwani.

पिछ्ले 2 सालो मे भारत मे महंगाई लगातार बढी है। नवंबर 2019 मे भारत मे कोरोना का केस आया तब चीजे उतनी खराब नही हुई थी लेकिन जब कोरोना बेकाबू हो गया तब भारत की अर्थव्यवस्था चरमराती हुई दिखी। 2020 से लगातार कोरोना के केस बढ़े और दुनिया के किसी भी देश ने तब तक इसकी vaccine नई बनाई थी। और भारत समेत दुनिया के लगभग हर देश मे कोरोना लगभग पूरी तरह अपने पैर पसार चुका था , नौबत यहां तक आ गई भारत मे सम्पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाने से हम कोरोना के बढ़ते रफ्तार को तो रोकने मे कही ना कही सफल हुए लेकिन इसकी वजह से भारत मे जो महंगाई और बेरोजगारी बड़ी उसका खामियाजा  अभी तक भारत का  आम नागरिक झेल रहा है।

कोरोना की पहली लहर से हर व्यक्ति अनजान था और उस दौरान सम्पूर्ण लॉकडाउन ही एक मात्र उपाय दिख रहा था। लेकिन अचानक लॉकडाउन लगाने से छोटे मजदूरो और किसानो को कितनी परेशानी हुई इसका अन्दाजा शायद ही कोई लगा सकता है। लेकिन जब दूसरी लहर आई तो यह अत्यन्त विकराल स्वरूप ले कर आई थी, क्योंकि सबसे ज्यादा मौते इसी समय पे हुई थी , एक तरफ सरकार अपनी तरफ से हर सम्भव प्रयास कर रही थी तो वही दूसरी तरफ सरकार का सत्ता के लिये लालच भी बखूबी देखा गया जहाँ एक तरफ लोग कोरोना की वजह से अपने सगे संबंधियों को खो दे रहे थे तो वही दूसरी तरफ सरकार प.बंगाल समेत और कुछ राज्यो मे चुनाव प्रचार लगातार कर रही थी और उस प्रचार मे लोगो की जबरदस्त भीड़ भी देखी जाती थी  अगर सरकार उस समय सत्ता के मोह को छोड़कर मूल समस्या को अपनी प्राथमिकता बनाती तो शायद ये मौत के आँकड़े इतने ज्यादा ना होते।

 अगर हम इन 2 सालो की बात करे तो इन 2 सालो मे भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी गहरी चोट पड़ती दिखाई दी। महगाई अपने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए दिखाई दी। पेट्रोल- डीजल के दामों में जबरदस्त इजाफा होता हुआ दिखाई दिया। महंगाई ने तो मानो आम आदमी के कमर तोड़  दिये । गरीब जनता के लिए अपना गुजारा करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है, 2021 उपभोक्ताओं के लिहाज से खराब रहा है बढ़ती कीमतो के अलावा लोगो को आय, रोजगार मे कमी और करोबार मे नुकसान का सामना करना पड़ा। 

हालाँकि दूसरी लहर का प्रभाव खतम होते  अर्थव्यवस्था थोड़ी बहुत सुधरती दिखाई दी, लेकिन अब omicron वायरस जिस तरह से भारत समेत अन्य देशो मे धीरे-धीरे पैर पसार रहा है, ऐसा लग रहा कि वक्त रहते अगर इसको नही रोका गया , तो इस बार अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जायेगी और बेरोजगारी, महंगाई और भुखमरी अब तक के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुँच जायेगी।

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