FSNL कम्पनी को बेचने की तैयारी मे है मोदी सरकार, विनिवेश को लेकर पूरी तैयारी मे दिख रही है सरकार

writen by- sonali kesarwani

      केन्द्र सरकार अब एक और सरकारी कम्पनी को बेचने की जोर- शोर से तैयारी कर रही है। भारत सरकार FSNL मे विनिवेश की प्रक्रिया जारी कर दी है। आपको बताते चले कि MSTC की 100% सब्सीसिडीयर है FSNL। सरकार अपने 100% शेयर बेचने को तैयार है। और गुरुवार शाम से ही asset valuer नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। और इसके आवेदन की अन्तिम तारीख 6 दिसंबर 2021 तय की गई है जिसके बाद 7 दिसंबर 2021 को टेक्निकल बिड खोल दिया जायेगा। एक बार कम्पनी की वेल्यू का निर्धारण होने के बाद सरकार इसे बेचने के लिये न्युनतम कीमत तय करेगी।


विनिवेश और निजीकरण क्या है

                       विनिवेश मे सरकार अपनी कंपनी का सिर्फ कुछ हिस्सा ही बेच देती है , विनिवेश की प्रक्रिया मे सरकार का कम्पनी पर मालिकाना हक बना रहता है। 

 जबकी निजीकरण मे सरकार अपनी कम्पनी का 51% से ज्यादा की हिस्सेदारी किसी निजी कंपनी को बेच देती है और फिर उस कम्पनी से सरकार का मालिकना हक खतम हो जाता है।


आखिर क्यो सरकार विनिवेश या निजीकरण को बढ़ावा दे रही है?

                         सरकार का खर्च , सरकार की आमदनी से बहुत आधिक है, जिसको सही तरीके से बरकार करने के लिये  सरकार अपनी किसी कम्पनी के या तो 51% से अधिक शेयर बेच कर अपना पुरा मालिकाना हक खतम कर लेती है या तो वो disinvestment ( विनिवेश) का तरीका अपनाती है जिसमे सरकार अपनी कम्पनी का कुछ हिस्सा ही private हाथो मे देती है। 


निजीकरण (privatization ) तथा विनिवेश( disinvestment ) के फायदे और नुकसान

  जैसे हर सिक्के के दो पहलू  होते है ठीक यहां भी हम इसके फायदे और नुकसान देख सकते है-  

  अगर सरकार अपनी किसी कंपनी को पूरी तरह से किसी निजी कंपनी के हाथो मे बेच देती है तो सरकार को  काफी अच्छी रकम मिल जायेगी जिसका उपयोग सरकार देश के किसी sector को काफी बेहतर बनने मे कर सकती है , जैसे शिक्षा के क्षेत्र मे, स्वास्थ्य के क्षेत्र मे, रक्षा के क्षेत्र मे या कोई नई policy ला सकती है जिससे देश का सही तरीके से विकाश हो सके । 

                        लेकिन अगर दूसरी तरफ देखे तो सरकार जिस भी कंपनी को private हाथो मे देगी private कंपनी उसका भरपूर profit कमाने का प्रयास करेगी वो अपनी मनमानी के अनुसार उस कंपनी के सामान का मूल्य तय करेगी जिससे आम लोगो को चीजे महंगी मिलेगी और उस कंपनी के सारे policys और condition private कंपनी अपने हिसाब से करेगी और उसे बोलने वाला कोई भी नही होगा ।

Comments

  1. Keep it up..small sa article per full knowledge

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  2. Ma'an aap bhot he sundar lekh likhti hain.....Thode me he sari jankariyon se rubaroo kra deti hain....Aasha hai aise he aap humlogo ko din-pratidin desh duniya me chl rhe halato se waaqif krati rahengi ❤️🤗

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  3. Crisp and full of knowledge 💯. Thnx mam 😊

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  4. Great Work Sonali 👏👏 Accolades to you...

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  5. I knew it that's u will write well as u done

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  6. Nice article but chhota oo aur bada oo sahi se lagavo , vikas bhi galat hai, sorry , lage raho !

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  7. Thanks for this information 😊

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  8. Alot information..very Good Article💟

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