Delhi NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को लगाई फटकार

written by- sonali kesarwani

 हर साल इसी महीने मे दिल्ली और उसके आस-पास के इलाके मे प्रदूषण का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है फिर भी सरकार का इसको कम करने या रोकने का कोई प्लान नही दिखाई देता। हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुका है चारो तरफ सफेद चादर की हल्की परत ही दिखाई दे रही है और इससे बचने के लिये फिलहाल सरकार की तरफ से ऐसी कोई व्यव्स्था नही दिखाई दे रही है। 

    प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार पर अपनी नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कल ही एक हाई लेवल मीटिंग बुलाने का आदेश दिया कोर्ट ने कहा की NCR मे work from home पर सरकार विचार करे, फिलहाल आज से Delhi मे सभी construction activity बन्द हो गई है । स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बन्द कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा की जल्द से जल्द इसे control  करने का प्रयास करे।


जाने कौन जारी करता है ये आंकड़े, किस स्तर पर कैसा रहता है प्रदूषण

 केन्द्र सरकार की ही एक संस्थान है SAFAR (System of Air Quality and Weather Forecasting And Research ) जो ये आंकड़े जारी करती है।  

इसके अनुसार दिल्ली मे वायु गुणवत्ता रविवार को 'गंभीर' श्रेणी से हटकर 'बेहद खराब'  की श्रेणी मे पहुँच गई है। 24 घण्टे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 330 दर्ज किया गया है। अगर हम एक दिन पहले की बात करे तो ये 437 पर था और शुक्रवार को (AQI) बढ़कर 471 दर्ज किया गया था और ये सीजन की अब तक की  सबसे खराब स्थिति थी।

अगर हम इसके स्तरो की बात करे तो AQI  0 से 50 तक के बीच अच्छा होता है, 51 से 100 तक के बीच संतोषजनक होता है , 101 से 200 के बीच मध्यम , 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।


बढ़ते प्रदूषण पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने क्या कहा 

  बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि  दिल्ली के अन्दर दीवाली के बाद जो परिस्थितियां बनी है, उसमे जैसा सुधार होना चाहिए था वैसा नही हो रहा है, परिस्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही हैं।

 

GRAP की इस पर राय 

वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिये बनी Graded Responce action plan (GRAP) की उप- समिति ने कहा कि प्रदूषक कणों के छंटने के लिये 18 नवंबर तक मौसम की परिस्थिति अनुकूल नही है सम्बंधित एजेन्सी की निश्चित रुप से ' आपात' श्रेणी के तहत कदमो को लागू करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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