प्रधानमंत्री मोदी ने तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने का किया ऐलान

writen by- sonali kesarwani.

 आज गुरु नानक जी की जयंती के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री ने सुबह सुबह भारत के लोगो को सम्बोधित करते हुए कुछ ऐसे ऐलान भी किये जिसका इंतज़ार देश का किसान पिछ्ले 1 साल से कर रहा है । हम बात कर रहे है वो तीनो कृषि कानूनो की जिसको लेकर पिछ्ले 1 साल से देश का किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। जिस विरोध प्रदर्शन के चलते अब तक 600 से ज्यादा किसानो की मौत हो चुकी है, ना जाने कितने दंगे हुए देश मे उस कानून को वापस कराने के चक्कर मे अब आखिरकार वो समय आया जब प्रधान-मंत्री खुद भारतवासियों के सामने आकर उन तीनो कृषि कानूनो को वापस लिये ।


क्या कुछ कहा प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 

 आज प्रधानमंत्री ने देश के सामने संबोधन मे कहा कि " आज मै आपको, पूरे देश को ये बताने आया हूँ कि हमने तीनो कृषि  कानूनो को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत मे शुरु होने जा रहे संसद सत्र मे हम इन तीनो कृषि  कानूनो को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देगे। 

प्रधान-मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने  किसानो के कल्याण के लिये, खासकर छोटे किसानो के कल्याण के लिये , देश के कृषि जगत के हित मे, पूरी सत्य निष्ठा से , किसानो के प्रति समर्पण भाव से , नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी। 


क्या कुछ खाश था प्रधानमंत्री के सम्बोधन में 

तीनो कृषि कानूनो की वापसी के अलावा प्रधानमंत्री जी ने जीरो बजट खेती यानी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान मे रखकर crop pattern को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिये MSP  को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिये ऐसे सभी विषयों पर भविष्य को ध्यान मे रखते हुए निर्णय लेने के लिये एक कमेटी का गठन किया जायेगा।



कृषि कानूनो के वापस होने के बाद क्या बोले राकेश टिकैत

प्रधानमंत्री के तीनो कृषि कानूनो कि वापसी के ऐलान के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा " आन्दोलन तत्काल वापस नही होगा , हम उस दिन का इंतज़ार करेगें जब कृषि कानूनो को संसद मे रद्द किया जायेगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानो के मुद्दो पर भी बातचीत करे।

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