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भारत मे आपातकाल की सम्पूर्ण कहानी

written by- sonali kesarwani इन्दिरा गाँधी का आम प्रधान-मंत्री से खास प्रधान-मंत्री बनने तक का सफर   1966 मे लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु के बाद इन्दिरा गाँधी जी ने प्रधान-मंत्री पद का कार्य भार सम्भाला। 1967 मे प्रधान-मंत्री के लिये चुनाव हुआ चुनाव मे फिर congress की सरकार बनी लेकिन बहुत ही कम वोट मिले थे। कुछ  राज्यो मे non- congress की सरकार बनी। उस समय मोरारजी देसाई उप-प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री दोनो थे। 1967 से 1969 तक किसी तरह सरकार चलती रही फ़िर राष्ट्रपति के चुनाव का समय आया उम्मीदवार के रूप मे नीलम संजीवा रेड्डी और वी वी गिरी को खड़ा किया गया। चुनाव का समय ही चल रहा था कि इंदिरा गांधी ने मोरारजी देसाई जी से वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा उनका कहना था कि  मोरारजी देसाई जी के कार्य से सरकार संतुष्ट  नही थी और वे सरकार के अनुकूल काम नही कर रहे है। मोरारजी देसाई जी ने वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उधर वी वी गिरी राष्ट्रपति का चुनाव जीत गये। और उसी दौरान इंदिरा गांधी ने बैंको के राष्ट्रीयकरण के संबंध मे एक अध्यादेश लेकर आई जिसे सुप्रीम कोर...

भारत मे लगातार बढ़ती महँगाई

written by; sonali kesarwani. पिछ्ले 2 सालो मे भारत मे महंगाई लगातार बढी है। नवंबर 2019 मे भारत मे कोरोना का केस आया तब चीजे उतनी खराब नही हुई थी लेकिन जब कोरोना बेकाबू हो गया तब भारत की अर्थव्यवस्था चरमराती हुई दिखी। 2020 से लगातार कोरोना के केस बढ़े और दुनिया के किसी भी देश ने तब तक इसकी vaccine नई बनाई थी। और भारत समेत दुनिया के लगभग हर देश मे कोरोना लगभग पूरी तरह अपने पैर पसार चुका था , नौबत यहां तक आ गई भारत मे सम्पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाने से हम कोरोना के बढ़ते रफ्तार को तो रोकने मे कही ना कही सफल हुए लेकिन इसकी वजह से भारत मे जो महंगाई और बेरोजगारी बड़ी उसका खामियाजा  अभी तक भारत का  आम नागरिक झेल रहा है। कोरोना की पहली लहर से हर व्यक्ति अनजान था और उस दौरान सम्पूर्ण लॉकडाउन ही एक मात्र उपाय दिख रहा था। लेकिन अचानक लॉकडाउन लगाने से छोटे मजदूरो और किसानो को कितनी परेशानी हुई इसका अन्दाजा शायद ही कोई लगा सकता है। लेकिन जब दूसरी लहर आई तो यह अत्यन्त विकराल स्वरूप ले कर आई थी, क्योंकि सबसे ज्यादा मौते इसी समय पे हुई थी , एक तरफ सरकार अपनी तरफ से हर सम्भव प्रयास कर रही थी तो वह...

समान नागरिक संहिता क्या है, क्यो है इसकी जरूरत

  written by- Sonali Kesarwani.  समान नागरिक संहिता ( uniform civil code ) का सीधा अर्थ ये है कि भारत मे रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिये एक समान कानून होना चाहिए फ़िर चाहे वो किसी भी धर्म , जाति या समुदाय का क्यो ना हो भारत मे कुछ मामले ऐसे है जहाँ पर हर धर्म के लोग अपने अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से कानून को मानते है भारत मे शादी , तलाक और जायदाद को लेकर हर धर्म के लोग अपने अलग अलग पर्सनल लॉ के हिसाब से चलते है। जैसे अगर हम बात करे तो हिन्दू धर्म मे आप पहली पत्नी के रहते हुए दूसरा विवाह नही कर सकते लेकिन मुस्लिम धर्म मे वे अपने पर्सनल लॉ को मानते हुए पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरा विवाह कर सकते है।  तो ऐसे और भी कुछ मामले है जिसमे हर धर्म के लोग अपना पर्सनल लॉ को मानते है। Artical 44 क्या है हमारे संविधान के भाग -4 मे राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत का उल्लेख किया गया है संविधान मे अनुच्छेद 36- 51 के जरिये राज्य को विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दो पर सुझाव दिये गये है और ये आशा किया गया है कि राज्य अपनी नीतियाँ तय करते समय इन नीति निर्देशक तत्वो को ध्यान मे रखे । इन्ही मे artica...

Omicron Variant क्या है, कितना खतरनाक है ये variant, भारत मे क्या असर है इस variant का

Written by- Sonali Kesarwani. नवंबर 2019 मे कोरोना वायरस भारत मे आया और देखते ही देखते इसका संक्रमण इतना तेजी से फैला कि इसे महामारी घोषित करना पड़ा और यह महामारी विश्व के लगभग सभी देशो मे बहुत बुरी तरह से अपना प्रभाव दिखाया इस महामारी के चलते ना जाने कितने लोगों ने अपनी जान गवां दी । यह वायरस इतनी तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे पहुँचता था कि जब तक वायरस के होने की पुष्टि होती थी तब तक वायरस न जाने कितने लोगो को संक्रमित कर चुका होता था। बढ़ते हुए संक्रमण को रोकने के लिये भारत तथा अन्य देशो ने अपने-अपने देश मे सम्पूर्ण lockdown को लगा दिया । क्योकिं उस समय इस संक्रमण को रोकने का बस एक ही तरीका था की जो व्यक्ति जहाँ पर हो वही रहे जिससे संक्रमण भी न फैले। भारत समेत अन्य सभी देशो के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने मे लग गये और 2 साल बाद उन्होने इसके वैक्सीन को बना लिया और लगभग  सभी देशो यह कोशिश रही थी कि जल्द से जल्द वो अपने देश के सभी लोगो को वैक्सीन की सारी डोज दे दे ताकि इस संक्रमण से हम लड़ सके लेकिन कोरोना वायरस लगातार अपने रूप मे बदलाव कर रहा है।अल्फा , बीटा और गामा वायर...

शीतकालीन सत्र के दौरान मोदी सरकार संसद मे पेश करेगी Cryptocurrency समेत 26 बिल

written by: sonali kesarwani संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरु होने जा रहा है इस सत्र के दौरान सरकार cryptocurrency तथा कृषि कानूनो की वापसी जैसे कुछ खाश मुददो पर विधेयक संसद मे ले कर आयेगी ।    ●Cryptocurrency पर विधेयक क्या कुछ है इसमे  संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार cryptocurrency से सम्बन्धित एक विधेयक पेश कर सकती है जिसको Cryptocurrency and Regulation of official Digital Currency Bill 2021 कहते है। इस विधेयक का उददेश्य निजी crpytocurrency को प्रतिबंधित करने तथा RBI  द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमत करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है। इस विधेयक मे हमारी संसदीय समिति ने यह सुझाव दिया की cryptocurrency पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नही है बल्कि इसे कानून के दायरे मे लाना चाहिए।  भारत मे अभी cryptocurrency के उपयोग को लेकर अभी ना कोई प्रतिबंध है और ना कोई नियमन की व्यवस्था।   Cryptocurrency क्या होती है, इसका किस तरीके से उपयोग किया जाता है  Cryptocurrency एक प्रकार की Digital Currency होती है, इसे हम बाकी Currency  की तरह...

प्रधानमंत्री मोदी ने तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने का किया ऐलान

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writen by- sonali kesarwani.  आज गुरु नानक जी की जयंती के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री ने सुबह सुबह भारत के लोगो को सम्बोधित करते हुए कुछ ऐसे ऐलान भी किये जिसका इंतज़ार देश का किसान पिछ्ले 1 साल से कर रहा है । हम बात कर रहे है वो तीनो कृषि कानूनो की जिसको लेकर पिछ्ले 1 साल से देश का किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। जिस विरोध प्रदर्शन के चलते अब तक 600 से ज्यादा किसानो की मौत हो चुकी है, ना जाने कितने दंगे हुए देश मे उस कानून को वापस कराने के चक्कर मे अब आखिरकार वो समय आया जब प्रधान-मंत्री खुद भारतवासियों के सामने आकर उन तीनो कृषि कानूनो को वापस लिये । क्या कुछ कहा प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में   आज प्रधानमंत्री ने देश के सामने संबोधन मे कहा कि " आज मै आपको, पूरे देश को ये बताने आया हूँ कि हमने तीनो कृषि  कानूनो को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत मे शुरु होने जा रहे संसद सत्र मे हम इन तीनो कृषि  कानूनो को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देगे।  प्रधान-मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने  किसानो के कल्याण के लिये, खासकर छोटे किस...

Delhi NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को लगाई फटकार

written by- sonali kesarwani  हर साल इसी महीने मे दिल्ली और उसके आस-पास के इलाके मे प्रदूषण का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है फिर भी सरकार का इसको कम करने या रोकने का कोई प्लान नही दिखाई देता। हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुका है चारो तरफ सफेद चादर की हल्की परत ही दिखाई दे रही है और इससे बचने के लिये फिलहाल सरकार की तरफ से ऐसी कोई व्यव्स्था नही दिखाई दे रही है।      प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार पर अपनी नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कल ही एक हाई लेवल मीटिंग बुलाने का आदेश दिया कोर्ट ने कहा की NCR मे work from home पर सरकार विचार करे, फिलहाल आज से Delhi मे सभी construction activity बन्द हो गई है । स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बन्द कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा की जल्द से जल्द इसे control  करने का प्रयास करे। जाने कौन जारी करता है ये आंकड़े, किस स्तर पर कैसा रहता है प्रदूषण  केन्द्र सरकार की ही एक संस्थान है SAFAR (System of Air Quality and Weather Forecasting And Re...